वाराणसी

बिजली की विभिन्न समस्याओं को लेकर उपखंड अधिकारी हरहुआ कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के नाम दिया मांग पत्र –

वाराणसी:– बिजली के निजीकरण की विनाश लीला पर रोक लगाओ, बिजली विधायक 2022 रद्द करो।भारत की संविधान सभा 1948 में आजाद भारत का पहला बिजली कानून बनाया, जिसकी विशेषता थी, बिजली एक सामाजिक जरूरत है और हर व्यक्ति को मिले, बिजली क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी नहीं होगी, बिजली का कोई एक पैसा मुनाफा नहीं कमा सकता यानी बिजली नो लॉस नो प्रॉफिट बिना लाभ हानि के बेची जाए । परंतु पिछली सरकारों ने कानून बनाकर बिजली को व्यापार बना दिया । मौजूदा सरकार बिजली विधेयक 2022 लाकर बिजली कंपनियों को देसी व विदेशी पूंजी पतियों के हवाले करने का प्रस्ताव संसद में पेश किया है, इसके लागू होने पर किसानों, कुटीर उद्योगों, मजदूरों, कर्मचारियों व अन्य बिजली उपभोक्ताओं पर जबरदस्त आक्रमण है, जो एक राष्ट्रद्रोही कदम है ।

वाराणसी किसान सभा विधेयक 2022 का विरोध करते हुए पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के उपखंड अधिकारी हरहुआ कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए पवन यादव के द्वारा मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को मांग पत्र दिया गया । प्रदर्शन में किसान सभा के अध्यक्ष का. राम जी सिंह ने संबोधित करते हुए कहा की बिजली के निजीकरण पर रोक लगाई जाए, राज्य बिजली बोर्ड को बहाल किया जाए, कर्मचारियों की स्थाई भर्ती किया जाए और उनका दमन बंद किया जाए, संविदा एवं ठेका कर्मचारियों को स्थाई कर्मचारी घोषित किया जाए, किसानों के नलकूपों पर मीटर मीटर लगाना बंद किया जाए, फ्लैट रेट की सस्ती बिजली जारी किया जाए, प्रीपेड और स्मार्ट मीटर लगाना बंद किया जाए, किसानों एवं अन्य कुटीर धन्धो और गरीबों को मुक्त बिजली दिया जाए ।
प्रदर्शन में राम जी सिंह के अलावा लक्ष्मण प्रसाद वर्मा, विजय भगत पटेल, राजेश कुमार सिंह, अखिलेश पटेल, वंशराज पटेल, संतोष पटेल, शिव शंकर लाल, नंदलाल, कृष्णकांत मणि, घनश्याम सिंह, रामचरित्र शर्मा,बंशू पटेल, उदय नारायण, सियाराम आदि उपस्थित थे ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page