बुंदेलखंड

बांदा जनपद की संक्षिप्त खबरें…..

यात्री बस विद्युत पोल से टकराकर पलटी, 15 घायल

बांदा। स्टीयरिंग जाम होने पर सवारियों से भरी निजी बस अनियंत्रित होकर रोड किनारे लगे एचटी लाइन विद्युत पोल से टकराकर खंती में पलट गई। हादसे में वाहन सवार पिता-पुत्र सहित 15 यात्री घायल हो गए। चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण मदद के लिए दौड़े। पुलिस ने गंभीर घायलों को बाहर निकलवाकर एंबुलेंस व निजी वाहन से सीएचसी बबेरू में भर्ती कराया। चालक व परिचालक हादसे के बाद भाग निकले हैं। पुलिस उनका पता लगा रही है। बबेरू से बांदा के लिए चली निजी बस की स्टीयरिंग जुगरेहली गांव के पास दोपहर करीब पौने एक बजे फेल हो गई। जिससे सड़क किनारे एचटी लाइन से टकराकर बस खंती में पलट गई। बस में करीब 35 लोग सवार थे। तेज झटका लगने से 15 लोग चुटहिल हो गए। जानकारी मिलते ही सीओ राजवीर सिंह, कस्बा इंचार्ज तुषार श्रीवास्तव व पुलिस बल के साथ घटना स्थल में पहुंचे और ग्रामीणों की मदद से वाहन में फंसे घायलों को बाहर निकलवाया। बाद में पारा बिहारी गांव के घायल 73 वर्षीय मनमोहन सिंह पटेल, लामा गांव के 39 वर्षीय रामदयाल, 13 वर्षीय पुत्र विवेक, मां 32 वर्षीय सुशीला व बबलू की 33 वर्षीय पत्नी सारिका, झील का पुरवा के रामबाबू की 28 वर्षीय पत्नी पार्वती, मवई गांव के रमेश की 17 वर्षीय पुत्री निर्मला, बबेरू के 55 वर्षीय त्यागी, अछाह गांव के गया प्रसाद का 26 वर्षीय पुत्र माता प्रसाद इसकी 55 वर्षीय मां माधुरी को सीएचसी ले जाया गया। इसके अलावा पांच मामूली घायलों ने अपना उपचार अलग-अलग जगह कराया। घायलों ने बताया कि हादसे के पहले चालक तेजी से चिल्लाया था कि स्टीयरिंग व्हील जाम हो गया। इससे बस में सवार सभी का ध्यान चालक की ओर गया लेकिन कोई कुछ समझ पाता इसके पहले ही हादसा हो गया है। कोतवाली निरीक्षक ने बताया कि चालक व परिचालक मौके पर नहीं मिले हैं। उनकी जानकारी करने का प्रयास किया जा रहा है। बताते चलें कि परिवहन विभाग की लचर व्यवस्था के चलते तमाम खटारा वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। यात्री वाहन काफी पुराने होने के बावजूद इनकी डेंटिंग-पेंटिंग कराकर बिना फिटनेस के परिवहन विभाग की छत्र छाया मे चल रहे हैं। इस तरह की घटनाएं आम हैं जब दुर्घना हो जाती है तब परिवहन विभाग इसका संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की बात करता है।

शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति फ्लॉप, विरोध शुरू

बांदा। जिले के परिषदीय विद्यालयों में ऑनलाइन उपस्थिति का पहला दिन ही फ्लाप रहा। जिम्मेदार प्रधानाध्यापक व इंचार्ज प्रधानाध्यापकों में से गिनती के लोगों ने आनलाइन उपस्थिति देने का काम किया। प्राथमिक शिक्षक संघ व राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने कहा कि संगठन तभी शिक्षकों का साथ दे सकेगा जब वह इस व्यवस्था की समस्या से ब्लाक व जिलाध्यक्ष को अवगत कराएंगे। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष आशुतोष त्रिपाठी, जिला मंत्री प्रजीत सिंह, जसपुरा के ब्लाक अध्यक्ष राजवीर सिंह, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के मंडलीय मंत्री विद्याभूषण पटेल ने कहा कि आज से छात्रों की आनलाइन उपस्थिति देने का विभागीय निर्देश है। जिसका वह पालन करेंगे लेकिन विभाग को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना होगा। पदाधिकारी राजवीर सिंह ने कहा कि संगठन पहले से ही अपनी सिम से उपस्थिति देने का विरोध कर रहा है, अब सबकुछ शिक्षक साथियों पर निर्भर है कि वह संगठन के आह्वान के अनुसार कार्य करते हैं अथवा फिर अपनी आईडी से सिम लेकर उससे विभागीय कार्य सम्पादित करते हैं। अभी भी उच्च प्राथमिक विद्यालय मे टैबलेट नहीं मिला, फिर भी 15 फरवरी से छात्रों की ऑनलाइन उपस्थित का आदेश दिया गया है, इसका मतलब सभी शिक्षक अपने मोबाइल से यह कार्य करेंगे। संगठन के बार-बार विरोध के बावजूद वह अपने व्यक्तिगत मोबाइल और डाटा से वर्षों से विभागीय कार्य करते आ रहे हैं, उसी प्रकार इस कार्य को भी करेंगे और दोष संगठन को देंगे। कुछ अति उत्साही शिक्षक टैबलेट का उपयोग करने लगे, कुछ उसमे अपनी सिम का प्रयोग भी करने लगे और बाद मे कहेंगे कि संगठन ने कुछ नहीं कहा। सभी शिक्षक साथी यह समझ लें कि जब तक गलत आदेश का विरोध व बहिष्कार नहीं करेंगे, तब तक संगठन कुछ नहीं कर सकेगा। यदि शिक्षक विरोध बहिष्कार की लिखित सहमति देते हैं तो संगठन विरोध-बहिष्कार का नेतृत्व अंतिम परिणाम तक करेगा। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ का निर्णय है कि जब तक विभाग सिम उपलब्ध नहीं कराता है तब तक टैबलेट अथवा निजी फोन से कोई ऑनलाइन उपस्थिति नही दी जाएगी। पूर्व में शिक्षकों ने संगठन के मना करने के बावजूद ऑनलाइन कार्य किया है। अब भी संगठन मना करेगा तब भी कुछ लोग अपने मोबाइल से विभागीय कार्य करेंगे, यदि गलत आदेश का विरोध करना चाहते हैं। ऐसी स्थिति मे सबको आगे आना होगा, और लिखित सहमति देनी होगी।

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