
✍️मोहित लोधी
लखनऊ:– वैसे तो चारबाग़ स्थित गुरुनानक नानक मार्केट का अक्सर विवादों से नाता रहा है ! सन 1947 में देश आज़ाद होने के बाद 1952 में बनी इस रिफ्यूजी मार्केट के अंदर गोल्दारे में कभी जल भराव देखने को नही मिला !कुछ वर्ष पूर्व मार्केट की गलियो में निर्माण कार्य नेता जी के कोटे से कराया गया था ! गलियों का निर्माण कार्य क्या हुआ जैसे यहाँ नरक का द्वार खुल गया हो ! यहाँ के स्वच्छ भारत अभियान को देखकर मच्छरों ने अपना आशियाना बना डाला ! वही जल भराव के अंदर कुत्ते और गाये जलक्रीड़ा कर रहे है ! नगर निगम की इस मार्केट के अंदर इस वर्ष कोई भी कर्मी फागिंग करने तक नही आया ! इधर नेता अफसर हाथ में झाड़ू लेकर स्वछ भारत अभियान का डंका बजा-बजा मीडिया में सुर्खियां बटोर रहे है ! हुज़ूर गर फोटो खिंचाने से फुर्सत मिल गयी हो तो मेरी गली भी आ जाइए !