फतेहपुर में पुलिस के बेरिकेड्स तोड़ते हुए बीजेपी सहित कई हिन्दू संगठनों की हजारों की भीड़ विवादित स्थल में घुसी –

फतेहपुर:- फतेहपुर में मकबरा बनाम मंदिर का विवाद बढ़ गया है। बीजेपी जिलाध्यक्ष के आहृवान पर सोमवार की सुबह वहां पर बड़ी संख्या में लोग उमड़ पड़े। पुलिस के लिए लोगों को संभालना मुश्किल हो गया।
मौके पर करीब चार हजार की संख्या में हिन्दू और मुसलमान आमने-सामने आ गए। लोग विवाद पर उतारू थे जबकि पुलिस दोनों पक्षों के बीच बातचीत से मामले का हल निकालने की कोशिश कर रही है। बीच में भीड को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। मौके पर तनावपूर्ण स्थिति बन गई। काफी देर तक अधिकारियों के समझाने के बाद अब लोग वहां से वापस जा रहे हैं।
बीजेपी जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल ने सोमवार सुबह मकबरे में पहुंचकर लोगों से पूजा, आरती करने की अपील की थी। प्रशासन कल से ही इसे लेकर चौकन्ना था लेकिन फिर भी सोमवार को मौके पर लोग जुटे और तनावपूर्ण हालात पैदा हो गए। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मकबरे के आसपास रविवार शाम बैरिकेडिंग करा दी गई थी। पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया था। इसके बावजूद वहां भीड़ जुटी जिसे संभालने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
बता दें गुरुवार को आबूनगर रेडड्या स्थित एक मकबरा स्थल को ठाकुरद्वारा मंदिर बता उसके सुंदरीकरण, नवीनीकरण और विस्तारीकरण के लिए मठ मंदिर संरक्षण समिति ने डीएम को ज्ञापन दिया था।
ज्ञापन देने वालों में बड़ी संख्या में भाजपा नेता शामिल थे। इसके बाद संरक्षण समिति ने सोमवार को आबूनगर डाक बंगले पर लोगों से एकत्रित होने की अपील कर मकबरा पहुंचने का आह्वान किया है। उधर, नौ अगस्त को राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल के राष्ट्रीय महासचिव तलहा आमिर ने डीएम के नाम एक पत्र लिखा था। इसमें बताया था कि जिस स्थल को समिति मंदिर बता रही है, वह अभिलेखों में मकबरा मंगी के तौर पर दर्ज है। इसके आधिकारिक मुतवल्ली के तौर पर मोहम्मद अनीश का नाम दर्ज है।
भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा- मकबरा नहीं मंदिर –
रविवार को भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल ने वीडियो बयान जारी कर सोमवार सुबह लोगों से पहुंचने की अपील की है। कहा वह मकबरा नहीं मंदिर है। इमारत की दीवारों पर कमल के फूल, त्रिशूल आदि के निशान बने हैं। विहिप और बजरंग दल के नेताओं ने भी आह्वावन किया है।