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पान मसाला हुआ ठप, इकाइयों के बाहर 60 से ज्यादा टीमें तैनात,24 घंटे निगरानी –

 

लखनऊ:- योगी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश को मंजूरी दी। अब तक केंद्र सरकार ने जीएसटी में मशीनों का पंजीकरण कराने और ऐसा न करने पर जुर्माना लगाने का प्राविधान किया है।

  लखनऊ, कानपुर सहित अन्य जिलों में बनने वाले पान मसाला इकाइयों के बाहर 24 घंटे शिफ्टवार ड्यूटी लगाने का आदेश प्रमुख सचिव एम देवराज ने जारी कर दिया है।अकेले लखनऊ और कानपुर में 54 टीमें केवल पान मसाला की निगरानी कर रही हैं। इससे एक तरफ पान मसाले का उत्पादन पूरी तरह ठप होने के कगार पर पहुंच गया है तो दूसरी तरफ प्रदेश में नकली और टैक्स चोरी से आने वाले मसाले की बाढ़ आ गई है। सड़क पर जांच प्रभावित होने से 20 करोड़ रुपए रोज का टैक्स चोरी का माल दूसरे राज्यों से आने लगा है।

सख्ती बढ़ी तो सुपाड़ी का कारोबार 70 फीसदी तक कम हो गया। अब कारोबारी दिल्ली की ओर रुख कर रहे हैं। पहले प्रतिदिन 1000 से 1200 बोरी सुपाड़ी की खपत थी, अब 150 बोरा ही हो रही है। 

प्रदेश में लखनऊ, कानपुर, हरदोई,गाजियाबाद, मेरठ, नोएडा, हापुड़, कानपुर देहात, उन्नाव, श्रावस्ती, गोंडा, बाराबंकी, बहराइच, बलरामपुर, खलीलाबाद, गोरखपुर, महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, वाराणसी, जौनपुर और मिर्जापुर में पान मसाला इकाइयां हैं। शासन ने पान मसाला इकाइयों से निकलने वाले वाहनों की अनिवार्य ई वे बिल स्कैनिंग के आदेश जारी किए गए हैं। इसके तहत प्रत्येक पान मसाला ब्रांड की फैक्टरी के बाहर 12-12 घंटे के रोस्टर में अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

लखनऊ समेत 14 स्थानों पर तैनात किए गए 26 अधिकारी :राज्य कर विभाग ने पान मसाला उद्योग में कर चोरी रोकने के लिए सख्त कदम उठाते हुए शहर और आसपास के 14 स्थानों पर 26 अधिकारियों को तैनात कर दिया है. अब हर फैक्ट्री और गोदाम के बाहर सहायक आयुक्त और राज्य कर अधिकारियों की मौजूदगी में 24 घंटे निगरानी की जा रही है.

राज्य कर विभाग ने निर्देश दिए हैं कि कोई भी वाहन बिना ई-वे बिल के फैक्ट्री या गोदाम से बाहर न निकले. यदि चेकिंग के दौरान किसी वाहन के पास ई-वे बिल नहीं मिला तो संबंधित फैक्ट्री या गोदाम के गेट पर तैनात अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. आदेश जारी होते ही सभी अधिकारी अपने कर्मचारियों और सुरक्षा दल के साथ फैक्ट्रियों और गोदामों के बाहर तैनात हो गए हैं. अधिकारियों को हिदायत दी गई है कि वे बाॅडी वार्न कैमरे का इस्तेमाल करें और किसी भी गड़बड़ी की सूचना तत्काल संयुक्त आयुक्त को दें.

ड्यूटी के दौरान बॉडीवार्न कैमरा पहनना अनिवार्य किया गया है। आदेश में कहा गया है कि एक मिनट के लिए भी टीम जगह नहीं छोड़ेगी। दूसरी टीम आने के बाद ही पहली टीम हटेगी। चेतावनी दी गई है कि एक भी वाहन बिना ई वे बिल की स्कैनिंग के पाया गया तो अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। अभी 30 नवबंर तक इस रोस्टर को लागू किया गया है। ये भी कहा गया है कि व्यापारियों के साथ सम्मानजनक तरीके से पेश आएं। गलत व्यवहार न किया जाए और माल की आवाजाही न रोकी जाए।

 

 यूपी से पलायन की तैयारी, उत्पादन पूरी तरह बंद होने की कगार पर –

इस सख्ती की वजह से पान मसाला इकाइयों में उत्पादन लगभग बंद हो गया है। जांच के दायरे में प्रमुख रूप से पुकार, शिमला, गोमती, कमला पसंद, कायम, दबंग, हरश्रंगार, शिखर, केसर, सिग्नेचर, एसएनके, शुद्ध प्लस, तिरंगा और किसान पान मसाला ब्रांड आए हैं। इंडस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक करीब पांच उद्यमी यूपी की सीमा से लगे राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली और गुड़गांव में इकाई लगाने की तैयारी में हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक अधिकांश टीमों की चौबीस घंटे ड्यूटी मसाला इकाइयों के बाहर लगते ही नकली पान मसाला की आवक तीन गुना तक बढ़ गई है। चूंकि नकली मसाला फैक्टरी से राजस्व नहीं मिलता इसलिए अधिकारियों की उन्हें पकड़ने में खास रुचि नहीं होती।

राज्य कर की जांच का असर सेंट्रल जीएसटी पर राज्य कर विभाग की जांच से सेंट्रल जीएसटी के अधिकारी राजस्व को लेकर परेशान हो गए हैं। दरअसल पान मसाले पर 28 फीसदी जीएसटी और 60 फीसदी सेस है। सेस पूरी तरह सेंट्रल जीएसटी को मिलता है।

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