
कानपुर:- उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक ऐसा हत्याकांड सामने आया है, जिसने मेरठ के सौरभ हत्याकांड की यादें ताजा कर दीं। प्रेम संबंधों में बाधा बन रहे पति को पत्नी ने अपने भतीजे के साथ मिलकर मौत के घाट उतार दिया और ऐसा ड्रामा रचा कि पुलिस भी गुमराह हो गई। लेकिन सात दिन की जांच के बाद फॉरेंसिक और कॉल डिटेल ने पूरा सच उजागर कर दिया।
11 मई की रात हुई थी हत्या –
कानपुर के भीतरगांव के साढ़ थाना क्षेत्र स्थित लक्ष्मणखेड़ा गांव में 11 मई की रात 35 वर्षीय धीरेंद्र पासी की खून से लथपथ लाश घर के पीछे चारपाई पर मिली थी। पत्नी रीना ने गांव के तीन युवकों पर हत्या का आरोप लगाया, जिस पर पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
सात दिन बाद खुली साजिश की परतें –
फॉरेंसिक जांच और कॉल डिटेल से सामने आया कि धीरेंद्र की पत्नी रीना और उसके सगे जेठ के बेटे यानी भतीजे सतीश के बीच अवैध संबंध थे। पति को शक हो गया था, और वह घर में सीसीटीवी कैमरे लगवाने की योजना बना रहा था। इस डर से रीना ने सतीश के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची।
नींद की गोली खिलाकर की गई हत्या –
रीना ने धीरेंद्र को खाने में नींद की गोलियां मिलाकर खिलाईं। बेसुध होने के बाद रात में सतीश को बुलाया गया। रीना ने धीरेंद्र को गर्मी का बहाना बनाकर चारपाई पर बाहर सुला दिया। सतीश ने बाथरूम की टांड से लकड़ी का गुटका निकालकर धीरेंद्र के सिर पर कई वार किए, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
खून धोया, फिर नहाए-
हत्या के बाद रीना और सतीश ने मिलकर खून के धब्बे साफ किए, कपड़े धोए और फिर दोनों ने रात में ही नहाया। सतीश ने हत्या के बाद खुद को बेहोश दिखाने का ड्रामा किया, जिससे किसी को शक न हो।
हर दिन 60 से 100 बार होती थी बातचीत –
पुलिस जांच में सामने आया कि रीना और सतीश के बीच एक-एक दिन में 60 से 100 कॉल्स होते थे। सतीश ने दो सिम खरीदीं, जिसमें एक रीना को दी। घटना की रात दोनों लगातार संपर्क में थे।
निर्दोषों को फंसाया –
हत्या के बाद रीना ने गांव के युवक कीरत कुमार, उसके बेटे रवि और भाई राजू पर हत्या का आरोप लगाकर उन्हें फंसाया। पुलिस ने शुरुआत में इन्हीं लोगों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन अब उन्हें रिहा करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
पुलिस ने क्या कहा?
एडीसीपी महेश कुमार ने बताया कि रीना और सतीश को रविवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। यह मामला भावनाओं, धोखे और पूर्व नियोजित साजिश का गंभीर उदाहरण है। पुलिस अब निर्दोष लोगों को राहत देने और दोनों मुख्य आरोपियों के खिलाफ मजबूत केस तैयार करने में जुटी है।