वाराणसी

धनतेरस की पूजा कब, कैसे करें, जानें –

✍️पंडित रमन कुमार शुक्ल

संस्था का नाम श्री काशी विश्वनाथ धार्मिक अनुसंधान संस्थान –

धनतेरस विशेष –

इस साल धनतेरस 10 नवंबर दिन शुक्रवार को पड़ रहा है. धन और संपन्नता के लिए इस दिन कुबेर देव की पूजा होती है. धनतेरस के दिन सोना-चांदी और नए बर्तन खरीदने की परंपरा है. कहते हैं कि इस दिन खरीदारी से धन-संपत्ति में 13 गुना वृद्धि होती है
08 नवंबर 2023 कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. इस साल धनतेरस 10 नवंबर दिन शुक्रवार को पड़ रहा है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन समुद्र मंथन से अमृत कलश निकला था और देवताओं के वैद्य धनवंतरी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. इसलिए आरोग्य के लिए इस दिन धनवंतरी की उपासना होती है. ये दिन कुबेर का दिन भी माना जाता है. धन और संपन्नता के लिए इस दिन कुबेर देव की पूजा होती है. धनतेरस के दिन सोना-चांदी और नए बर्तन खरीदने की परंपरा है.

धनतेरस पर ये चीजें खरीदना शुभ होता है
धनतेरस पर आप धातु से बना कोई पानी का बर्तन खरीद सकते हैं. इस दिन गणेश और लक्ष्मी की अलग-अलग मूर्तियां खरीदें. खील-बताशे, मिट्टी के दीपक जरूर खरीदें. अंकों का बना हुआ धन का कोई यंत्र भी खरीदें. इस दिन सोने-चांदी के आभूषण खरीदना भी बहुत शुभ माना जाता है. कहते हैं कि इस दि खरीदारी से धन-संपत्ति में 13 गुना वृद्धि होती है.

धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त- 10 नवंबर को धनतेरस पर सुबह 11.24 बजे से 12:08 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा.
शुभ चौघड़िया- सुबह11.46 se01. 08 बजे तक शुभचौघड़िया होने के कारण बहुत उत्तम मुहूर्त है.
फिर शाम03.51 से 05.12 तक चर चौघड़िया के कारण भी खरीदारी करने के लिए अबूझ मुहूर्त रहेगा.

धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त
प्रदोष काल- शाम 05 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर 07 बजकर 55 मिनट तक रहेगा
वृषभ काल- शाम 05 बजकर 30 मिनट से 07 बजकर 30 मिनट तक रहेगा.

धनतेरस पर इन बातों का रखें ख्याल
धनतेरस के पहले ही दिवाली की सफाई कर लें. कुबेर और धनवंतरी की एकसाथ पूजा करें. इस दिन सोना, चांदी, पीतल या फूल अथवा कांसा ही खरीदें. धनतेरस के दिन लोहा या प्लास्टिक की चीजें खरीदने से बचें. नतेरस के दिन जरूरतमंदों को दान करने से विशेष लाभ होगा.

धनतेरस की पूजा विधि (Dhanteras 2023 puja vidhi)
धनतेरस की शाम को उत्तर दिशा की ओर कुबेर और धनवंतरी की स्थापना करें. दोनों के सामने घी का एकमुखी दीपक जलाएं. कुबेर को सफेद मिठाई और धनवंतरी को पीली मिठाई चढ़ाएं. पहले “ॐ ह्रीं कुबेराय नमः” का जाप करें. फिर “धनवंतरी स्तोत्र” का पाठ करें और प्रसाद ग्रहण करें. दिवाली के दिन कुबेर को धन के स्थान पर रखें और धनवंतरी को पूजा वाली जगह पर स्थापित करें
ये समय गणना गोंडा उत्तर प्रदेश की है अतः सभी से निवेदन है कि गोंडा के पूर्व के लोग समय कम कर ले और पश्चिम के लोग समय बढा ले
पंडित रमन कुमार शुक्ल

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