देश विदेश में बसे सिंधी समाज के गोसेवा अभियान से जुड़ने सम्बन्धी पुस्तिका का हुआ विमोचन –
✍️नवीन तिवारी
वाराणसी:- परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज द्वारा गौमाता के प्राणों के रक्षा हेतु व उनको राष्ट्रमाता घोषित कराने हेतु चलाए जा रहे गौमाता राष्ट्रमाता प्रतिष्ठा आंदोलन हेतु सिंधी समाज के पंचायतों ने सिंधी समाज के सुविख्यात धर्मगुरु साईं जलकुमार मसंद साहिब के नेतृत्व में स्वयं को समर्पित कर दिया। इस बाबत सिंधी समाज के धर्मगुरु साईं जलकुमार मसंद साहिब ने केदारघाट में स्थित श्रीविद्यामठ में उद्घोषणा की जिस दौरान सिंधी समाज के पंचायतों के विभिन्न धर्मगुरु व मुखिया उपस्थित थे।कार्यक्रम में उपस्थित सिंधी समाज के समस्त लोगों ने साथ ही देश विदेश में रह रहे समस्त सिंधी समाज के लोगों को शंकराचार्य जी के गौरक्षा अभियान से जोड़ने का संकल्प लिया।
श्रीविद्यामठ में आहूत सिंधी समाज के इस आयोजन के दौरान उपस्थित सिंधी समाज के लोगों को आशीर्वचन प्रदान करते हुए परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज ने कहा कि आज हमलोग गौमाता के प्रतिष्ठा के संदर्भ में चिंतन कर रहे हैं।जिस प्रकार प्राणप्रतिष्ठा के पूर्व व पश्चात किसी मन्दिर में उल्लेखनीय अंतर आ जाता है ठीक उसी प्रकार गौमाता को राष्ट्रमाता के रूप में प्रतिष्ठित कराने के बाद उनके स्थिति में अंतर आ जाएगा।अलग अलग मंदिरों में अलग अलग देवी देवताओं के विग्रह प्रतिष्ठित हैं लेकिन किसी भी मंदिर में 33 कोटि देवी देवता प्रतिष्ठित नही हैं।लेकिन हमारे पूर्वजों ने गौमाता में 33 कोटि देवी देवताओं की प्रतिष्ठा की।इसलिए आज भी हमारे घरों में पहली रोटी गाय को समर्पित कर यह माना जाता है कि 33 कोटि देवी देवताओं को भोग लग गया। हमें देशी नस्ल के गायों की पहचान कर अपनी आने वाली पीढ़ियों हेतु उनकी रक्षा करनी होगी।
आयोजन की अध्यक्षता करते हुए सिंधी समाज के धर्मगुरु साईं जलकुमार मसंद साहिब ने कहा कि हमारा पीठ 400 वर्ष से सिंधी समाज का कुलगुरु है और हम जब शंकराचार्य जी महाराज को और उनके द्वारा किए जा रहे धर्मकार्यों को देखते हैं तो प्रत्यक्ष अनुभव होता है कि ईश्वर ने शंकराचार्य जी महाराज को अपने प्रतिनिधि के रूप में हम सबके मध्य भेजा है और महाराज जी द्वारा धर्म रक्षा हेतु अनेक कार्यों के साथ गौमाता के प्राणों की रक्षा हेतु चलाए जा रहे आंदोलन से यह बात सिद्ध भी हो जाती है और आज संकल्पपूर्वक हम समस्त सिंधी समाज के लोग शंकराचार्य जी के गौरक्षा आंदोलन प्रति स्वयं समर्पित कर रहे हैं और आजीवन शंकराचार्य जी के समस्त धर्मकार्यों में बढ़चढ़कर अपनी सहभागिता सुनिश्चित करेंगे।
कार्यक्रम के दौरान परमधर्माधीश शंकराचार्य जी महाराज ने सिंधी धर्मगुरु साईं जलकुमार मसंद साहिब द्वारा रचित गौ प्रतिष्ठा अभियान नामक पुस्तिका का विमोचन भी किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अनिरुद्ध मिश्रा ने वैदिक मंगलाचरण और कृष्ण कुमार द्विवेदी ने पौराणिक मंगलाचरण का वाचन किया।
श्रीप्रकाश पाण्डेय ने “नैया फंसी भंवर में सूझे नही किनारा गुरुवर तेरा सहारा”भजन सुनकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
अतिथियों का स्वागत व आभार अभिभाषण शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने किया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से साध्वी पूर्णाम्बा दीदी,ब्रम्ह्चारी परमात्मानंद, हासानंद बदलानी, मुखिया शिव शक्ति सिंधी पंचायत, देवेंद्र डोडवानी, मुखिया अशोक नगर सिंधी पंचायत, कुमार सचदेवा, उपाध्यक्ष आलिवाण पंचायत, अशोक खट्टर, मुखिया सिंधी पंजाबी पंचायत,सतीश छाबड़ा अध्यक्ष भारतीय सिंधु सभा एवं सचिव लक्सा सिंधी पंचायत, दिलीप ईसरानी अध्यक्ष संत बीरबल दास सेवा समिति, सुरेश वाद्यया, उपाध्यक्ष भारतीय सिंधु सभा,जय लालवानी,अध्यक्ष संत कंवर राम युवा समिति,सुनील वाद्यया,उपाध्यक्ष संत असुदाराम सेवा समिति,जय प्रकाश बालानी,कोषाध्यक्ष रेड क्रास सोसाइटी, कमल लखमानी उपाध्यक्ष रामापुरा पंचायत, झूलेलाल भक्त सेवा समिति महिला मंडल:जया रत्नानी, अमृता अठवानी, मोनिका अठवानी,सोनी लखमानी।
साथ ही डॉ यतीन्द्रनाथ चतुर्वेदी,कृष्ण कुमार पाठक,सोमेश्वर मिश्रा आदि लोग भी उपस्थित रहे।