दि इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के लखनऊ चैप्टर द्वारा सेमिनार का आयोजन किया गया –

लखनऊ:- दि कॉस्ट रिकॉर्ड और नये संसोधन जीएसटी बजट 2024 के उपलक्ष्य में दि इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया द्वारा लखनऊ में आयोजित हुआ सेमिनार ,कास्ट अकाउंटिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने को लेकर हुई चर्चा –
आईसीएमएआई के सोमिनार अपना संबोधन देते हुए आरएस भट्ट (सीएमए) ने कहा कि लखनऊ चैप्टर टारगेट सेट कर नंबर वन बनना चाहता है और हम अपनी कॉस्टिंग फील्ड में एक्सपर्टाइज हासिल करके नंवर वन बन सकते हैं। इसके लिए सभी कास्ट एकाउंटेंट मेम्बर को अपसी सहयोग से कॉस्टिंग फील्ड को बढ़ावा देना होगा।
स्वागत अतिथि एमके आनंद (सीएमए) ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम पिछले 34 वर्षों से लखनऊ चैपटर से जुड़े है और आज हम जहां पर है इसके लिए सारे सदस्यों का सहयोग रहा है। हम एक कास्ट एकाउंटेंट के रूप में तभी आगे बढ़ सकते है जब अपने आप को समय के साथ अपडेट करते रहें। कॉस्ट रिडक्शन और कॉस्ट कंट्रोल पर काम करके कॉस्ट एकाउंटेंट अपनी कंपनी को इंडस्ट्री में और बेहतर बनाते हैं। सीएमए सौरभ श्रीवास्तव ने कहा कि कॉस्ट एकाउंटेंट को अपने कार्य के प्रति सामाजिक, ईमानदार और जुड़ा हुआ होना चाहिए।
आपको बता दें कि दि इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया द्वारा लखनऊ में समय समय पर कार्यक्रम और सेमिनार किये जाते हैं जिसका मुख्य उद्देश्य होता है कि किस प्रकार कॉस्ट एकाउंटिंग फील्ड को और बेहतर बनाया जा सके और जिसका लाभ इंडस्ट्री को अधिक से अधिक मिल सके।
सेमिनार में मुख्य अतिथि सौरभ श्रीवास्तव तथा स्वागत अतिथि एमके आनंद एवं आरके भाटी द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस दौरान संतोष पंत (एनआईआरसी), एस एन मित्तल (एनआईआरसो), राकेश यादव (सचिव), जीवन चन्द्रा (कोषाध्यक्ष), अमित यादव एवं रंजीत सिंह,अभिषेक मिश्र व अन्य सदस्यों की उपस्थिति रही।