दशकों पूर्व नोआखाली और अब संदेशखाली, इस्लामिक ताकत या हिन्दुओं की कमजोरी– दिव्य अग्रवाल

कभी कभी मन विचलित होता है की हिन्दुओं की दुर्गति पर कितना और कब तक लिखा जाए। इस समाज की दुर्गति कभी इतिहास तक सीमित नही रही ,कभी भूतकाल नही हुआ यह दुर्गति निरंतर चलती आ रही है । इस्लामिक जिहाद, हिन्दू समाज को भूतकाल से लेकर वर्तमान तक प्रताड़ित करती आ रही है परंतु आज तक हिन्दू समाज को अपनी रक्षा करने का ज्ञान प्राप्त नहीं हुआ। दशकों पूर्व घटित नोआखली नरसंघार को स्मरण कर हिन्दू समाज आज तक रोदन करता आया है और अब संदेशखाली में हुई दुर्गति को आने वाले दशकों तक रोता रहेगा। पूरे विश्व में हिन्दू समाज के अतिरिक्त ऐसा कोई समाज न होगा जिसकी महिलाओं और बच्चियों की इतनी भयावह दुर्गति होती हो,पति के सामने पत्नी की और मां के सामने बेटी की अस्मिता,जिहादी कुत्तों द्वारा तब तक नोची जाती है जब तक उनकी हवस की पूर्ति न हो जाए और जिहादी कुत्तों का मूंह हिन्दुओं के रक्त से सन न जाए। हिन्दू समाज केवल केरल स्टोरी,कश्मीर फाइल देखकर सिनेमा हॉल में नारे लगाने तक सीमित है। सनातनी समाज अपने स्वाभिमान और परिवार की रक्षा हेतु प्रभु श्री कृष्ण ,प्रभु श्री राम के मार्ग पर कब चलेगा यह बड़ा प्रश्न है । नोआखली में तो गोपाल पाठा जैसे वीर योद्धाओं ने इस्लामिक जिहाद का मर्दन कर हिंदुओ की रक्षा की थी परंतु संदेशखाली तो हिंदू महिलाओं के साथ हुए भयावह दुराचार का खाली एक संदेश बनकर रह गया। सार्वजनिक और सामूहिक रूप से हिन्दू बेटियों का बलात्कार जिहादी गुंडों द्वारा किया गया परंतु भाईचारे की दुहाई देने वाले किसी एक भी मुस्लिम नेता ने हिन्दू बेटियों के पक्ष में आवाज नही उठाई। हिन्दू समाज भी इस भयावह घटना को तृणमूल कांग्रेस की राजनीति से जोड़कर इतिश्री कर रहा है जबकि यह घटना इस्लामिक जिहाद से संबंधित है जो सैकड़ों वर्षों से इसी प्रकार की जा रही है। क्या हिन्दू समाज इतिहास की भांति ही भविष्य में भी इस्लामिक जिहाद की प्रताड़ना को झेलने के लिए जाना जाएगा या वर्तमान में हिन्दू समाज पुरुषार्थ कर अपनी अग्रिम पीढ़ी को नवीन इतिहास देगा । भारत की संसद हो या राज्यों की विधानसभा या धर्म गुरुओं के मठ ऐसा एक भी स्थान नहीं जहां सर्वसम्मति से संदेशखाली के मजहबी आतंक को समाप्त कर मानवता की रक्षा की मांग की रही हो। बंगाल की स्थिति आज पाकिस्तान की तरह है जिसका कारण बढ़ती इस्लामिक जनसंख्या और उनके समक्ष सत्ता लोभी ममता का संरक्षण है । जिस क्षेत्र में इस्लामिक संख्या बढ़ती है वहां सत्ता लोभ में राजनीति भी दम तोड देती है सोचना व समझना हिन्दू समाज को है।