उत्तर प्रदेश

थानाध्यक्ष एवं उप जिलाधिकारी के मनमानी रवैया से पीड़ित व्यक्ति ने मांगी इच्छा मृत्यु की अनुमति –

अंबेडकरनगर :– शिव प्रसाद मिश्र उम्र लगभग 50 वर्ष पुत्र सुदामा मिश्रा नि०ग्राम गनपतपुर थाना जहाँगीरगंज तहसील आलापुर जनपद अम्बेडकरनगर का स्थाई निवासी है। प्रार्थी की गनपतपुर में ही आबादी एवं खतौनी की भूमि है आबादी भूमि को प्रार्थी ने बाकायदा घेर कर अपने कब्जे में किया है। जिस पर प्रार्थी काबिज दाखिल भी है। गाँव के ही विपक्षीगण रामप्यारे पुत्र सुखारी, रामसुरेश पुत्र रामप्यारे आदि के गुमराह करने पर उनसे अनुचित लाभ लेकर थानाध्यक्ष जहाँगीगरंज प्रदीप सिंह एवं उपजिलाधिकारी महोदय आलापुर उन्हें प्रार्थी की आबादी की भूमि में सियासी दबाव में जबरिया काबिज कराना चाहते है। जिसके लिए हल्का लेखपाल की रिपोर्ट को दरकिनार कर उक्त भूमि को गलत तरीके से विवादित दर्शाकर 145, 146 की कार्यवाही करना चाहते है। जिसके लिए 145 की नोटिस भी दे दी गई है। इसके अलावा प्रार्थी की खतौनी शुदा भूमि गाटा संख्या-64 में भी बगैर किसी अधिकार के उपजिलाधिकारी आलापुर द्वारा गलत तरीके से रामप्यारे पुत्र सुखारी के पक्ष में आबादी भी दर्ज कर दिया है। आलापुर के उपजिलाधिकारी एवं जहाँगीरगंज के थानाध्यक्ष के मनमाने रवैयें एवं उत्पीड़नात्मक कार्य प्रणाली के कारण प्रार्थी एवं प्रार्थी का पूरा परिवार काफी हैरान व परेशान है। प्रार्थी ने उक्त बाबत कई बार उच्चाधिकारियों से शिकायत कर उन्हें अवगत कराते हुए निष्पक्ष जाँच एवं कार्यवाही किये जाने की मांग किया लेकिन उक्त दोनों अधिकारियों के विरूद्ध न तो कोई कार्यवाही की गई, और न ही प्रार्थी को न्याय ही दिलाया गया। जहाँगीरगंज थानाध्यक्ष प्रदीप सिंह अम्बेडकरनगर जनपद में विगत 7 वर्षों से (सपा शासन काल के दौरान से ही) तथा जहाँगीरगंज में वर्ष भर से अधिक समय से जमे हुए है। जिनका आम जनमानस के साथ भी कार्यवाही व्यवहार अच्छा नहीं है। प्रार्थी के विपक्षीगण को अनुचित लाभ पहुँचानें के लिए उन से विभिन्न प्रलोभनों के माध्यम से प्रेरित होकर प्रार्थी का बदस्तूर उत्पीड़न कर रहे है। प्रार्थी न्याय नहीं मिल पाने के कारण अब अपने जीवन से ही आजिज आ गया है। ऐसे उत्पीड़नात्मक माहौल में जब प्रार्थी खुद तथा अपने परिजनों को सरकारी सिस्टम की ज्यादती से निजात नहीं दिला पा रहा है, तो अपने जीवन को ही समाप्त करना बेहतर विकल्प मान रहा है। ऐसे में प्रार्थी के समक्ष अब कोई चारा नहीं है।

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