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त्योहारों के मद्देनजर जिले मे निषेधाज्ञा लागू

बांदा। जिले मे आगामी त्योहारों को देखते हुए शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला मजिस्ट्रेट ने बुधवार से धारा-144 लागू कर दी है। जिला मजिस्ट्रेट दुर्गा शक्ति नागपाल ने आदेश मे कहा है कि धार्मिक संगठनों, राजनैतिक गतिविधियों, परीक्षाओं, बारावफात, गणेश विसर्जन, नवदुर्गा महोत्सव, दिवाली आदि कार्यक्रमों को देखते हुए जनपद मे दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 लगाया जाना आवश्यक प्रतीत होता है। अराजक तत्व कानून व्यवस्था को प्रभावित करने व लोक व्यवस्था को अस्त-व्यस्त करके समाज मे भय एवं आतंक का वातावरण पैदा कर अमन-चैन को प्रभावित करने का प्रयास कर सकते हैं साथ ही सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ सकते हैं। ऐसी स्थिति मे शांति व्यवस्था मे बाधा पैदा होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। आदेश मे कहा गया है कि 27 सितंबर से 20 नवंबर तक कोई भी बगैर सक्षम अधिकारी से अनुमति प्राप्त किए अग्नेयास्त्र, धारदार हथियार, लाठी, बल्लम अथवा ऐसे तरल पदार्थ जिनका प्रयोग अस्त्र-शस्त्र एवं विस्फोटक पदार्थ के रूप मे किया जा सकता है, उसे लेकर सार्वजनिक रूप से नही घूम सकते। कोई भी कंकड़-पत्थर, ईंट, खाली बोतलों, का भण्डारण, भवन छतों व सार्वजनिक जगहों पर नही करेगा और न ही राजकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाएगा। 5 से अधिक व्यक्ति बिना अनुमति के एक स्थान पर एकत्र नही होंगे और न ही राजनैतिक दल अथवा संगठन बिना अनुमति के कोई प्रदर्शन करेंगे। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 के अंतर्गत दण्डनीय होगा।

———————-त्योहारों के मद्देनजर जिले मे निषेधाज्ञा लागू
बांदा। जिले मे आगामी त्योहारों को देखते हुए शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला मजिस्ट्रेट ने बुधवार से धारा-144 लागू कर दी है। जिला मजिस्ट्रेट दुर्गा शक्ति नागपाल ने आदेश मे कहा है कि धार्मिक संगठनों, राजनैतिक गतिविधियों, परीक्षाओं, बारावफात, गणेश विसर्जन, नवदुर्गा महोत्सव, दिवाली आदि कार्यक्रमों को देखते हुए जनपद मे दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 लगाया जाना आवश्यक प्रतीत होता है। अराजक तत्व कानून व्यवस्था को प्रभावित करने व लोक व्यवस्था को अस्त-व्यस्त करके समाज मे भय एवं आतंक का वातावरण पैदा कर अमन-चैन को प्रभावित करने का प्रयास कर सकते हैं साथ ही सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ सकते हैं। ऐसी स्थिति मे शांति व्यवस्था मे बाधा पैदा होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। आदेश मे कहा गया है कि 27 सितंबर से 20 नवंबर तक कोई भी बगैर सक्षम अधिकारी से अनुमति प्राप्त किए अग्नेयास्त्र, धारदार हथियार, लाठी, बल्लम अथवा ऐसे तरल पदार्थ जिनका प्रयोग अस्त्र-शस्त्र एवं विस्फोटक पदार्थ के रूप मे किया जा सकता है, उसे लेकर सार्वजनिक रूप से नही घूम सकते। कोई भी कंकड़-पत्थर, ईंट, खाली बोतलों, का भण्डारण, भवन छतों व सार्वजनिक जगहों पर नही करेगा और न ही राजकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाएगा। 5 से अधिक व्यक्ति बिना अनुमति के एक स्थान पर एकत्र नही होंगे और न ही राजनैतिक दल अथवा संगठन बिना अनुमति के कोई प्रदर्शन करेंगे। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 के अंतर्गत दण्डनीय होगा।

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