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डॉ बाबा साहेब के राष्ट्र के लिए किये गए त्याग और बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता – डॉ उमेश शर्मा

 

 

आगरा। भारतीय सविधान के रचयिता, भारतरत्न, असहायों के भाग्यविधाता परमपूजनीय डॉ.भीमराव अंबेडकरजी को देश विदेश सहित दलितों की राजधानी आगरा में उनके अनुयायियों एवम मोदी जी और योगी जी व अन्य नेताओं ने रविवार को 134वी जयंती के शुभ अवसर पर हृदय से हार्दिक श्रद्धासुमन अर्पित कर शुभकामनाएं देकर महान आत्मा को कोटि कोटि प्रणाम व श्रद्धापूर्वक नमन किया।

 

इस अवसर पर भारतीय संविधान के निमार्ता डॉ बाबा साहेब भीमराव अंबेडकरजी की जयंती पर उत्तर प्रदेश अपराध निरोधक समिति लखनऊ के चेयरमैन एवं वरिष्ठ समाजसेवी डॉ उमेश शर्मा ने कहा कि बाबा साहेब ने घरेलू व आर्थिक परेशानियों के बाद भी अपना सम्पूर्ण जीवन शिक्षा, ज्ञान और ग़रीब असहाय लोगो को अर्पित किया। विदेशों में अंग्रेज बाबा साहेब को सिम्बल ऑफ़ नॉलेज के नाम से जाने जाते हैं। सामाजिक समता और सामाजिक न्याय जैसे सामाजिक परिवर्तन के मुद्दों को प्रमुखता से स्वर देने और परिणाम तक लाने वाले प्रमुख लोगों में डॉ. भीमराव अम्बेडकरजी का नाम अग्रणी है। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन ऊंच-नीच, भेदभाव, छुआछूत के उन्मूलन जैसे कार्यो के लिए समर्पित कर दिया लेकिन एक पार्टी ने बाबा साहेब को जीवित रहते वह सम्मान नहीं दिया, जो उन्हें मिलना चाहिए था। उनकी मृत्यु के 4 दशक बाद उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। वही,मोदी और योगी सरकार ने उनके प्रस्तावों को वास्तविकता बनाने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि डॉ अंबेडकरजी के ही प्रयासों का प्ररिणाम है न केवल भारत में बल्कि पूरे दुनिया में सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठी। आज देश के करोड़ो दलितों, आदिवासियों, पिछड़ो और दूसरे उपेक्षित वर्गों के मसीहा और संविधान के निमार्ता डॉ बी.आर. अंबेडकर जी की 134वी जयंती है। सिम्बल ऑफ नॉलेज ने वर्षों पूर्व में कहा था कि महान आदमी एक आम आदमी से इस तरह से अलग है कि वह समाज का सेवक बनने को तैयार रहता है।

 

श्री शर्मा ने आगे कहा कि ऐसे महान विचारों के धनी थे डॉ बाबा साहेब भीमराव आंबेडकरजी, जिन्होंने समाज मे फैली जातपात छुआछूत के ख़िलाफ़ जीवन भर संघष किया और दलित पिछड़े आदिवाशी व असहायों के हितों को ध्यान में रखते हुए ग्रेजुएट बनों संगठित रहो संघर्ष करो का नारा दिया। बाबा साहब के चिंतन और विचारों में देश सबसे ऊपर हैं। एक दूसरे के साथ भाईचारे से रहे तभी देश की तरक्की हो सकती है। शिक्षा हर व्‍‍यक्ति के जीवन का महत्वपूर्ण आधार होना चाहिए। बाबा साहेब का संघर्ष सम्पूर्ण विश्व के लोगों के लिए एक मिसाल हैं। हम कभी भी बाबा साहब के त्याग और बलिदान को भुला नहीं सकते। डॉ बाबा साहेब भीमराव अंबेडकरजी की जन्म जयंती पर हम भारत के लोगों की तरफ से अपनी सामूहिक शक्ति का ये प्रदर्शन, ये संकल्प, उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। मैं बाबासाहेब डॉ.भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर कोटी-कोटी नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। गरीबों के मसीहा,संविधान निर्माता को शत – शत नमन।

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