डीएम के कड़े रूख के बावजूद माफिया बे-लगाम, कनवारा खण्ड 5 मे प्रतिबंधित मशीनों से कर रहें अवैध खनन –

बांदा:– डीएम के सख्त निर्देशों के बावजूद बालू का अवैध खनन जारी है। जिला मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर दूर कनवारा बालू खदान खण्ड 5 मे दिन-रात अवैध खनन का खेल जारी है। यहां प्रतिबंधित हैवी पोकलैण्ड व जेसीबी मशीनें लगाकर केन नदी का सीना छलनी कर रही हैं। खण्ड 5 अर्चिसा माइन्स को खनन का पट्टा मिला हुआ है। हाल ही मे डीएम दुर्गा शक्त्ति नागपाल के निर्देश पर ओवरलोड वाहनों के विरूद्ध कार्रवाई की गयी थी और 50 ट्रक सीज किए गये थे। लेकिन इसके बावजूद कुछ अधिकारियों की मिली भगत के चलते कार्रवाई के एक-दो दिन बाद ही ओवरलोडिंग का खेल रात के समय शुरू हो जाता है। इस बालू खदान का संचालन ग्वालियर मध्य प्रदेश के योगेश कुशवाहा कर रहे हैं। यहां लगातार प्रतिबंधित भारी पोकलैण्ड व जेसीबी मशीनों से खनन किया जा रहा है। खदान की फोटो यह बताने के लिए काफी हैं कि केन नदी मे कई फीट की गहराई तक खनन किया जा रहा है क्योंकि यहां बालू के साथ बड़े पैमाने पर गोल पत्थर निकल रहा है। बालू की सफाई के लिए छन्ना लगाया गया है यह पत्थर और मोरम को अलग करता है। यहां पर बड़े पैमाने पर पहाड़ देखा जा सकता है। इस मोरम खदान मे एनजीटी की गाइडलाइन को पूरी तरह दर किनार कर खनन किया जा रहा है। इसके चलते जलीय जीव-जन्तुआंे पर भी जीवन का संकट पैदा हो गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अधिक गहराई तक खनन की वजह से केन नदी का जल स्तर कम होना शुरू हो गया है साथ ही बड़े गढ्ढों मे डूबकर कई लोग व पशुओं की मृत्यु हो चुकी है। दिन के समय बालू का खनन कर ट्रकों को लोड कर वहीं रोक दिया जाता है और रात 9 बजे के बाद ओवरलोड वाहनों की निकासी शुरू हो जाती है। अवैध खनन ओवरलोडिंग की शिकायतों को लेकर डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल खनिज अधिकारी को कार्रवाई के निर्देश देती हैं लेकिन खान अधिकारी मौके पर पहुंचकर हल्की कार्रवाई कर ही मामले को रफा-दफा करने मे माहिर हैं। कनवारा गांव के लोगों का कहना है कि बेतहाशा किए जा रहे बालू खनन की वजह से पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। आने वाले समय मे यहां के लोगों को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।