उत्तर प्रदेश

जामवंत के किरदार को अपने आवाज की जादू से किया साकार,अब रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण का इंतजार –

भदोही:– जामवंत कह सुनु रघुराया। जा पर नाथ करहु तुम्ह दाया॥ ताहि सदा सुभ कुसल निरंतर। सुर नर मुनि प्रसन्न ता ऊपर॥श्रीरामचरितमानस की ये पंक्तियां सुनाते हुए रामानंद सागर के मशहूर सीरियल रामायण में जामवंत का किरदार निभाने वाले राजशेखर उपाध्याय थोड़े भावुक हो जाते हैं।वे कहते हैं प्रभु श्रीराम की कृपा ही थी कि भदोही जैसे छोटे से जिले से निकलकर वे राष्ट्रीय फलक पर छा पाए। 

 

राजशेखर उपाध्याय कहते हैं कि जब वह मुंबई जैसे महानगर में पहुंचे तो कई छोटे-छोटे रोल और काम कर आजीविका चलाई, लेकिन श्रीराम की कृपा से उनकी मुलाकात पापा जी से हुई। उनकी कद काठी और सुडौल शरीर को देखकर उन्होंने मुझे जामवंत की भूमिका निभाने का ऑफर दिया। बता दें कि रामायण सीरियल में काम करने वाले हर कलाकार रामानंद सागर को पापा जी ही बुलाते थे।रामायण सीरियल में उन्होंने जामवंत के अलावा श्रीधर, मकराच्छ, अग्निदेव और आर्य सुमागध जैसे छोटे-छोटे रोल भी निभाए थे। 

 

राजशेखर उपाध्याय कहते हैं कि यह प्रभु श्रीराम की कृपा दृष्टि ही रही कि जिस भूमिका को मैंने मुखौटे के पीछे रहकर निभाया। वह अमर हो गया। आज भी जामवंत की आवाज और संवाद के कारण लोग मुझे पहचानते हैं।सीरियल शुरू होने के कुछ साल पहले पापा जी काफी परेशान रहते थे। एक दिन हमारी मुलाकात हुई तो मैंने उन्हें आत्मिक शांति के लिए सुबह-शाम रामचरित मानस पाठ करने की सलाह दी। इसके बाद वे इतने रम गए कि रामायण सीरियल बनाने की ठानी और किरदारों की कांस्टिंग शुरू की गई।सीरियल शुरू होने के बाद कई बाधाएं आई, लेकिन ऐसा लग रहा था कि मानों की प्रभु श्रीराम ही सीरियल की सारी बाधाओं को दूर कर रहे हैं और स्वत: ही सारी चीजें हो जाती थी। 

 

राजशेखर उपाध्याय ने कहा कि अयोध्या में बन रहा राम मंदिर सनातन धर्म की ध्वजा को पूरे में विश्व में फहराने का कार्य करेगा। प्रभु श्रीराम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस काम के लिए चुना है। देश वासियों का सौभाग्य है कि हम इसके साक्षी बन रहे हैं।

 

राजशेखर उपाध्याय ने कहा कि उन्हें राम मंदिर में श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण नहीं मिला है,लेकिन उन्हें प्रभु श्रीराम की पाती का इंतजार है। उन्होंने कहा कि रामायण में जामवंत प्रभु श्रीराम की सेना के मंत्री की भूमिका में थे। प्रभु श्रीराम उनसे सलाह लेकर ही कुछ काम करते थे। आज जब प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है तो अपने अभिनय से रामायण को अमर कर देने वाले किरदारों को भी निमंत्रण मिलना चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page