लखनऊ

जनता कब किसका स्टीयरिंग बदल दें,बुलडोजर,जानवर और उपचुनाव पर अखिलेश यादव –

लखनऊ:– देश में कहीं भी जब बुलडोजर गरजता है तो उत्तर प्रदेश तुरंत चर्चा में आ जाता है।विपक्षी दल बुलडोजर गरजने पर सरकार को अक्सर घेरते रहते हैं।अब समाजवादी पार्टी के मुखिया पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुलडोजर,जंगली जानवर,डीएनए, उपचुनाव से जुड़े कई मुद्दों पर जवाब दिया है। अखिलेश यादव ने कहा कि बुलडोजर में दिमाग नहीं स्टीयरिंग होता है,यूपी की जनता कब किसका स्टीयरिंग बदल दे ये कौन जानता है,जिनके लिए बुलडोज़र बल का प्रतीक है, उन्हें बुलडोजर की मुबारकबाद।

 

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि कोर्ट का बुलडोजर ऐसा चला कि अब बुलडोज़र नहीं चल पाएगा,क्या मुख्यमंत्री आवास का नक्शा पास है,सरकार ये बताए और उसके कागज दिखाए,जानबूझकर बदला लेना,अहंकार दिखाने के लिए बुलडोज़र चलाया गया है,बुलडोजर संवैधानिक नहीं है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बुलडोजर नहीं चल सकता,अब क्या सरकार बुलडोजर पर माफी मांगेगी।

 

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार बुलडोजर चलाने में बायस्ड है।एलडीए सूची जारी करे कि किसकी किसकी इमारत अवैध है।कुछ लोगों के मामले में कभी चाभी खो जाती है तो कभी डीज़ल ख़त्म हो जाता है। सीएम कहने को योगी,लेकिन कभी कभी बायोलॉजिकल हो जाते हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि सीएम को डीएनए की बहुत चिंता है,सीएम ना ख़ुद चैन से सोते हैं,ना किसी को सोने दें रहे हैं।जहां तक माफिया की बात है तो पुरानी सूची देखिए, किसी और को भी माफिया कहा जाता था।सीएम के सपने देखने वाले बयान पर अखिलेश ने कहा कि 2017 से पहले लूट की बात सीएम कहते हैं,जिन अधिकारियों पर वो लूट का आरोप लगाते हैं वो सीएम के आसपास ही घूम रहे हैं।

 

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी उपचुनाव में इंडिया गठबंधन सभी दस सीटें जीतेगी। हमने चुनाव आयोग से अपील की है कि किसी ख़ास जाति धर्म देखकर चुनाव कामों में ना लगाया जाए।अखिलेश ने कहा कि सीएम बीजेपी का नाम बदलकर भारतीय जोगी पार्टी बना दें,आवारा पशुओं की समस्या के समाधान का वादा सरकार ने किया था,लेकिन सैकड़ों लोगों की जान आवारा पशुओं की वजह से गई पर सरकार ने कुछ नहीं किया।

 

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि सांड से लेकर बाघ और गुलदार की वजह से लोगों की जान जा रही है।आज सरकार बता नहीं पा रही कि हादसे कैसे हो रहे हैं।बीजेपी के लोग जंगल काट रहे हैं।इसलिए जानवर रिहायशी इलाक़ों में आ रहे हैं। सरकारी उपेक्षा की वजह से आवारा पशुओं को जंगल के पास छोड़ा गया और जानवर इसलिए जंगल के बाहर आ रहे हैं।इसके लिए सीधे सरकार और अधिकारी ज़िम्मेदार हैं।

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