गोरखपुर

चोटिल शिक्षक को पुरस्कृत करने मंच से उतर गए सीएम योगी

✍️एम.ए.शाही

गोरखपुर:- शिक्षक दिवस पर गोरखपुर के योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित राज्य अध्यापक पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षकों के प्रति श्रद्धा में प्रोटोकॉल से परे एक ऐसा कदम उठा लिया कि सभी लोग हतप्रभ होकर भी मुस्कुरा उठे। एक चोटिल शिक्षक को मंच पर बुलाए जाने से पहले ही मुख्यमंत्री खुद सम्मान पत्र लेकर उस शिक्षक तक पहुंच गए। मुख्यमंत्री की सहजता और सरलता से भरी इस पहल ने कार्यक्रम स्थल पर मौजूद सभी लोगों का दिल जीत लिया। अपने स्थान पर ही सम्मानित होने वाले अलीगढ़ के शिक्षक मूलचंद्र के लिए तो यह सुखद पल आजीवन यादगार हो गया। उनकी चोट का संज्ञान लेकर उन्हें सीएम ने जब उनके पास आकर पुरस्कार दिया तो वह काफी भावुक हो गए। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हैं, वहां की गुरु-शिष्य परम्परा बेमिसाल है। हर गुरु के प्रति सम्मान का भाव रखना उन्हें विरासत में मिला है। इस विरासत के भाव का एक नजारा आज शिक्षक दिवस समारोह में देखने को मिला। समारोह में मुख्यमंत्री ने 53 शिक्षकों को मंच पर सम्मानित किया। इसके बाद अलीगढ़ के प्राथमिक विद्यालय सूरतगढ़ (अतरौली ब्लॉक) के प्रधानाध्यापक मूलचंद्र के पैर में चोट लगी होने के कारण उन्हें सबसे अंत में मंच पर बुलाया जाना था। पर जैसे ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजर शिक्षक मूलचंद्र के चोटिल पैर पर पड़ी तो उन्होंने उनका सम्मान पत्र अपने हाथ में लिया और अचानक मंच से नीचे उतर गए। मूलचंद्र के पास जाकर सीएम ने उन्हें सम्मान पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया। मुख्यमंत्री ने उनका कुशलक्षेम पूछा, शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सराहना की। 

 

मुख्यमंत्री के हाथों अपने स्थान पर ही पुरस्कृत हुए शिक्षक मूलचंद्र ने कार्यक्रम के बाद कहा कि आज वह खुद को बहुत भाग्यशाली महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी पुरस्कृत करने के लिए मुख्यमंत्री खुद उनके पास आ जाएंगे। इस क्षण को, मुख्यमंत्री की सहृदयता और सहजता को आजीवन नहीं भूल पाऊंगा। मेरे प्रति मुख्यमंत्री का यह भाव सभी शिक्षकों के प्रति श्रद्धा और सम्मान की शीर्ष भावना है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page