गोरखपुर पीएसी की महिला प्रशिक्षुओं के प्रदर्शन मामले में,प्रभारी से लेकर प्लाटून कमांडर तक बड़ी कार्रवाई –

गोरखपुर:- उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बुधवार को 26वीं बटालियन में बिजली-पानी की किल्लत सहित मूलभूत सुविधाएं न मिलने का आरोप लगाते हुए ट्रेनिंग ले रही महिला प्रशिक्षुओं ने पीएसी गेट पर जमकर हंगामा किया।इस दौरान छह महिला प्रशिक्षु बेहोश गईं,जिन्हें एंबुलेंस से जिला अस्पताल भेजा गया।हंगामे के दौरान महिला प्रशिक्षुओं के बाथरूम में सीसी टीवी कैमरे और आरटीसी प्रभारी और कमांडेंट पर अभद्र भाषा के प्रयोग के आरोपों पर तत्काल शासन सक्रिय हो गया,शासन ने ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू की। शासन ने कमांडेंट आनन्द कुमार और प्लाटून कमांडर, आरटीसी प्रभारी संजय राय को निलम्बित कर दिया है। उधर, देर रात डीआईजी-पीटीएस प्रधानाचार्य रोहन पी कनय को भी हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया गया। उनकी जगह पर पीटीएस गोरखपुर में तैनात एएसपी अनिल कुमार को प्रभारी प्रधानाचार्य बनाया गया है।
लखनऊ से पीटीएस मध्य जोन के आईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह को जांच के लिए गोरखपुर भेजा गया।आईजी ने जांच के बाद बाथरूम में सीसी टीवी कैमरे के आरोप को निराधार बताया। उन्होंने पूरे प्रकरण की जांच और सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों को चिह्नित कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।देर शाम को डीजीपी राजीव कृष्णा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर अफसरों से पूरी रिपोर्ट तलब की है।
बता दें कि रिक्रूटमेंट ट्रेनिंग सेंटर (आरटीसी) में सिपाही भर्ती 2023 में चयनित आरक्षियों का प्रशिक्षण 21 जुलाई से शुरू हुआ है। पीटीएस में लगभग 600 महिला प्रशिक्षुओं को ट्रेनिंग के लिए रखा गया है।बुधवार सुबह प्रशिक्षण के दौरान ही महिला प्रशिक्षु मुखर हो गईं और सुबह सात बजे से ही प्रशासनिक भवन पर एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन करने लगी। आरोप है कि उसी समय पहुंचे आरटीसी प्रभारी संजय राय ने समझाने की जगह अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर दिया, जिससे मामला बढ़ गया। इसके बाद मामले को शांत कराने की कोशिश की गई, लेकिन महिला प्रशिक्षु आठ बजे के करीब गेट पर आकर हंगामा करने लगीं।
महिला प्रशिक्षुओं ने आरोप लगाए कि क्षमता से अधिक प्रशिक्षुओं को एक-एक बैरक में रखा गया है, ऊपर से बिजली भी नहीं आ रही है। दिनभर पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा, छह सौ महिला प्रशिक्षुओं के लिए एक वाटर कूलर है और बाथरूम में सीसी कैमरे लगाए गए हैं। हंगामे की खबर पर आनन फानन पुलिस भी पहुंची और समझाने में जुट गई। सुबह करीब 9.20 बजे कार्रवाई के आश्वासन पर महिला प्रशिक्षु अंदर गईं।अव्यवस्था का मुद्दा शासन तक पहुंचते ही कमांडेंट और आरटीसी प्रभारी निलंबन के साथ ही पूरे मामले की जांच को कमेटी गठित कर दी गई है।
हंगामे के दौरान छह महिला प्रशिक्षु बेहोश हो गईं। बताया जा रहा है कि एक को मौके पर ही होश आ गया जबकि पांच को एंबुलेंस से जिला अस्पताल भेजा गया, जहां भर्ती कर उनका इलाज शुरू किया गया। इलाज करने वाले डॉक्टरों के मुताबिक शरीर में पानी की कमी और तनाव की वजह से उनकी हालत बिगड़ी। फिलहाल सभी महिला प्रशिक्षु ठीक हैं।
पीटीएस आईजी मध्य जोन प्रीतिंदर सिंह का कहना है कि फाल्ट की वजह से थोड़ी देर के लिए बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई थी, उसे ठीक करा दिया गया है। बाथरूम में सीसी टीवी कैमरे लगाए जाने का आरोप निराधार है। इसकी जांच की गई है, कहीं पर भी कैमरे नहीं है। अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वाले आरटीसी प्रभारी और कमांडेंट को निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच कराई जा रही है। शासन की मंशा के अनुरूप किसी भी रिक्रूट की सुविधा में कोई कमी नहीं हो रही है।