
खग्रास चंद्रग्रहण 2025:-
ज्योतिषाचार्य आनन्द शास्त्री –
भारत में भाद्रपदशुक्ल पूर्णिमा रविवार (7 सितंबर 2025) को शतभिषा नक्षत्र औऱ कुंभ राशि पर लगने वाला खग्रास चंद्रग्रहण भारत मे दृश्य होगा, यह ग्रहण अंटार्कटिका, पश्चिमी प्रशान्त महासागर, आस्ट्रेलिया, एशिया, हिन्द महासागर, यूरोप, पूर्वी अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा।
चन्द्रास्त के समय ग्रहण का प्रारम्भ रूस के कुछ भाग और प्रशान्त महासागर में दिखाई देगा, चन्द्रोदय के समय ग्रहण का अंत आइसलैंड के कुछ भाग, अफ्रीका के पश्चिमी भाग और अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा।
यह खग्रास चंद्रग्रहण भारत के सभी हिस्सों मे दिखाई देगा तथा यह ग्रहण सम्पूर्ण भारत मे शुरू से अंत तक देखा जा सकेगा ग्रहण का स्पर्श, मध्य, मोक्ष पूरे भारत मे दिखाई देगा।
भारत में घंटा. मिनट. (IST)
– स्पर्श रात्रि 09:57
– मध्य रात्रि 11:41
– मोक्ष रात्रि 01:27
भाद्रपद पूर्णिमा के दिन 7 सितंबर चंद्र ग्रहण शुरू होगा और 7 सितंबर की आधी रात को खत्म होगा, यह ग्रहण 7 सितंबर को रात 09 बजकर 57 मिनट से लेकर 7 सितंबर की मध्य रात्रि 01 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
चंद्रग्रहण की कुल अवथि 03 घंटे 30 मिनट व ग्रासमान 1.368 रहेगा।
विशेष:- ग्रहण के दिन यदि रविवार पड़े तो उपवास और व्रत की पारणा पुत्रवान गृहस्थ को नही करना चाहिए।
चंद्र ग्रहण का सूतक 7 सितंबर 2025 की दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगा और इसकी समाप्ति 7 सितंबर की देर रात 1 बजकर 27 मिनट पर होगी सूतक काल में बालक, वृद्ध और रोगी को छोड़कर अन्य लोगों के लिए भोजन शास्त्रों में मना है।
ग्रहण के दौरान न करें –
चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को किसी भी तरह की नुकीली चीज जैसे सुई, धारदार कैंची या चाकू आदि का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए और सभी जनों को मंत्र जाप करना चाहिये, ग्रहण काल मे जपा गया मंत्र सिद्धिप्रद होता है, यह अनुभूत है ।
ग्रहण फल:-
• मेष- लाभ
• वृष- सुख
• मिथुन- माननाश
• कर्क- मृत्युतुल्य कष्ट
• सिंह- स्त्रीपीड़ा
• कन्या- सौख्य
• तुला- चिंता
• वृश्चिक- व्यथा
• धनु- श्री
• मकर- क्षति
• कुंभ- घात
• मीन- हानि
चंद्र ग्रहण के दौरान इन मंत्रों का करें जाप –
1. चंद्र देव का मंत्र: इस समय “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः” या “ॐ सोमाय नमः” जैसे चंद्र-दोष निवारक मंत्रों का जाप करना चाहिए। इन मंत्रों के जाप से चंद्रमा का अशुभ प्रभाव कम होता है और मन शांत रहता है। चंद्र देव की उपासना से संकट दूर होते हैं।
2. महामृत्युंजय मंत्र: ग्रहण के समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। यह मंत्र जीवन में आने वाले संकटों को दूर करता है और व्यक्ति को स्वास्थ्य और दीर्घायु प्रदान करता है।
3. भगवान शिव का मंत्र: “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप भी ग्रहण काल में बहुत शुभ होता है। भगवान शिव को चंद्रदेव का नियंत्रक माना जाता है, और इस मंत्र का जाप करने से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है।
4. हनुमान चालीसा: हनुमान चालीसा का पाठ करने से ग्रहण के अशुभ प्रभाव टल जाते हैं और भाग्य में सुयोग का उदय होता है।