Uncategorized

क्या अब रामलला के नाम पर अयोध्या वासियों को रोजगार मिलना चाहिए – दिव्य अग्रवाल

 

क्या अब रामलला के नाम पर अयोध्या वासियों को रोजगार मिलना चाहिए 

 

अयोध्या धाम आज से लगभग २० वर्ष पूर्व जब गए थे तब चाय पीने के लिए भी ५०० – ५०० मीटर तक कोई दूकान नहीं दिखती थी । यदि कोई दूकान दिख भी जाय तो दुकानों पर इतना दूध नहीं होता था की २० से ५० लोगो को दिनभर में चाय पिलाई जा सके,अयोध्या में अंदर आने जाने के लिए कोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं था । सुनसान सड़को पर जब पैदल चलते थे तो लगता था किसी संसाधन हीन पिछड़े हुए गाँव का भ्रमण कर रहे हैं । घरो पर टीन की चादरे या पुराने जर्जर अवस्था के मकान थे । अन्तःकरण में एक पीड़ा होती थी की अयोध्या की ऐसी पीड़ादायक स्थिति क्यूँ , किन कारणों से और किन लोगो की वजह से है। ह्रदय द्रवित होता था की अयोध्या वासियों की पारिवारिक,आर्थिक और सामाजिक स्थिति कभी सुधर पाएगी, जब जब जाते थे यही स्थिति मन को कचोटती थी । मात्र ५०० रूपए से लेकर १००० रूपए तक में पूरी की पूरी धर्मशालाएं मिल जाती थी । संत महात्माओं की स्थिति ऐसी की यदि कोई श्रद्धालु उन्हें दिख जाय तो उनकी आँखों में चमक आ जाती थी उन्हें यह विश्वास था की एक दिन आएगा जब अयोध्या की सुनी सड़के श्रद्धालुओं से खचाखच भरी होंगी। उन असंख्य साधुओं की तपस्या, सनातन प्रहरियों के बलिदान के कारण यह दिन आया भी , आज अयोध्या की ख्याति , प्रतिष्ठा और लोकप्रियता पूरे विश्व में प्रसारित हो रही है । व्यापार और धन वर्षा अवध वासियों पर ऐसी जैसे लक्ष्मी स्वरूपा मां सीता स्वयं अपनी सन्तानो को अपार सुख समृद्धि प्रदान कर रही हो । छोटी से छोटी दुकान की रोजगार भी हजारों में हैं जिसका मुख्य कारण अयोध्या में प्रभु श्री राम मंदिर की स्थापना है जो भाजपा के शासन काल में हुई परन्तु उसके पश्चात भी अवधवासियों ने भाजपा सरकार को नकार दिया। इस निर्णय की वजह क्या रही यह तो ईश्वर जाने परन्तु यह निश्चित है की अयोध्या की हार सनातन की हार है । जिसका दुःख अयोध्या वासियों को छोड़कर विश्व में रहने वाले सभी सनातनियों को है जिसके परिणाम स्वरूप सोशल मीडिया पर भावुकता और अयोध्या वासियों के प्रति रोष इतना की लोग यह तक कहने लग गए हैं की अयोध्या जाएंगे तो रुकने की व्यवस्था लख़नऊ में कर लेंगे,पानी,भोजन घर से ले जाएंगे,लखनऊ से ले जायँगे पर किसी अयोध्यावासी से कोई समान नहीं खरीदेंगे । क्या वास्तव में भाजपा को अयोध्या में हराना धर्म सम्मत है अब इसका निर्णय श्रद्धा का विषय है परन्तु यह निश्चित है पुरे विश्व में यह चर्चा है जो प्रभु राम को काल्पनिक और राम भक्तो पर गोली चलवाने वालो के सर पर विजय पगड़ी बाँध सकते हैं वो कुछ भी कर सकते हैं।(लेखक व विचारक)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page