वाराणसी
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काशी की ग्रीन आर्मी से शराबी और जुआरी मांगते हैं पनाह, पीएम मोदी हैं इनके काम के मुरीद –

 

वाराणसी:- प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के देवरा गांव की निर्मला देवी और उनकी ग्रीन आर्मी की सखियों को पत्र लिखकर नशे के खिलाफ उनके प्रयास की सराहना की है।ग्रीन आर्मी की चप्पल फैक्ट्री में तैयार की गई चप्पल पीएम मोदी को उपहार स्वरुप भेजी गई थी।पीएम ने उस चप्पल को पहना और ग्रीन आर्मी को महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक सशक्त हस्ताक्षर बताया। बता दें कि 2023 में देवरा गांव की महिलाओं ने चप्पल फैक्ट्री शुरू की थी।फैक्ट्री का उद्घाटन गायिका अनुराधा पौडवाल ने किया था।

 

बता दें कि ग्रीन आर्मी की फैक्ट्री में तैयार की गई पहली चप्पल पीएम मोदी को भेंट की गई थी।उपहार मिलने के कुछ महीने बाद पीएम मोदी ने ग्रीन आर्मी की निर्मला देवी को चिट्ठी लिखकर उनका आभार जताया था और नशे और जुए के खिलाफ उनकी मुहीम की सराहना की थी। 

 

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी शेयर किया है।इस वीडियो में निर्मला देवी पीएम के चिट्ठी की चर्चा कर रही हैं।आर्थिक रूप से सशक्त होने के लिए गांव की महिलाओं ने चप्पल फैक्ट्री शुरू की थी,जिसमें सभी महिलाओं का सहयोग शामिल था।पीएम को चप्पल उपहार में भेजने के पीछे की सोच थी कि पीएम अगर उनके काम को सराहेंगे तो दुनियां उनके काम को जानेगी।

 

बता दें कि 2017 में बीएचयू के कुछ छात्रों ने होप वेलफेयर ट्रस्ट नाम से एक एनजीओ बनाकर ऐसी महिलाओं को एकजुट करना शुरू किया,जिनके पति या घरवाले नशे की चपेट में हैं और वो जुए में अपने घर और मेहनत का पैसा बर्बाद कर रहे हों।इसकी शुरुआत वाराणसी के खुशियारी गांव से हुई थी।सबसे पहले खुशियारी गांव में ही 25 महिलाओं वाली ग्रीन आर्मी बनी।हरी साड़ी पहने जब ये महिलाएं शराब और जुए के अड्डों पर धावा बोलतीं तो शराबियों और जुआरियों का बचना मुश्किल हो जाता था।

 

बता दें कि तत्कालीन एसएसपी आकाश कुलहरि ने ग्रीन आर्मी की प्रशंसा की थी और ग्रीन आर्मी की महिलाओं की शिकायत को गंभीरता से लेने का फरमान जारी किया था। आकाश कुलहरि ने ही देवरा गांव की ग्रीन आर्मी का उद्घाटन भी किया था। 2018 में देवरा गांव की स्थिति बहुत बुरी थी। नशेड़ियों और जुआरियों से गांव के लोग परेशान थे।ग्रीन आर्मी ने न सिर्फ यहां के शराब और जुए के अड्डे बंद कराए बल्कि ऐसे बच्चों को स्कूल भेजना भी शुरू किया जो आवारागर्दी करते फिरते थे।देवरा के बाद काशीपुर,जगरदेवपुर सहित एक दर्जन गांवों में इस समय ग्रीन आर्मी काम कर रही है।हर गांव में 25 महिलाएं इसमें शामिल हैं।ग्रीन आर्मी की शुरुआत 20 महिलाओं से हुई थी और आज इनकी संख्या 2,200 हो चुकी है, जो बनारस सहित आसपास के जिलों में भी काम करती है। 

ग्रीन आर्मी बनारस के साथ मिर्जापुर,सोनभद्र,अयोध्या,फिरोजाबाद,बलिया और जौनपुर में भी कार्यरत है।ग्रीन आर्मी से हजारों महिलाएं जुड़ी हैं जो अपने गांव में नशा मुक्ति,अंधविश्वास,जुआ,दहेज प्रथा को खत्म करने के लिए कार्य करती हैं।

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