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कड़े निर्देशों के बावजूद कनवारा, मरौली मे हो रहा भारी खनन

 

बांदा। जिलाधिकारी के कड़ निर्देशों के बावजूद अवैध खनन थमने का नाम नही ले रहा है। हाल ही मे अवैध खनन की शिकायतें मिलने पर डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल के निर्देश पर गठित संयुक्त जांच टीम ने कई बालू खदान मे मानक से अधिक खनन मिलने पर लाखों रुपये का जुर्माना लगाया है लेकिन कनवारा खण्ड 5 व मरौली खण्ड 5 तथा नरैनी क्षेत्र की बरियारी बालू खदान मे बिना किसी भय के केन नदी की बीच जलधारा से भारी भरकम मशीनों के जरिए दिन-रात बालू खनन किया जा रहा है। नदी मे 20 फीट की गहराई तक बालू निकाली जा रही है। यह खनिज व एनजीटी के नियमों का खुला उल्लंघन है। बीते 24 मार्च को जांच के दौरान कनवारा खण्ड 5 मे स्वीकृत क्षेत्र से 2882 घन मीटर बालू का अतिरिक्त खनन परिवहन जांच मे मिला था। इस पर पट्टाधारक के विरूद्ध जिलाधिकारी ने 30 लाख 93 हजार 800 रुपये जुर्माने की नोटिस दी गयी थी। इसी प्रकार जिले की कई अन्य बालू खदानों के विरूद्ध जुर्माना लगाया गया था फिर भी बालू माफिया अवैध खनन से बाज नही आ रहे। बीते 14 अप्रैल को खप्टिहा कला स्थित बालू खदान 100/2 मे रात के समय उप जिलाधिकारी पैलानी शशिभूषण मिश्रा के निर्देश पर नायब तहसीलदार जसपुरा वेद प्रकाश व नायब तहसीलदार पैलानी मोहम्मद मुस्तकीम तथा जसपुरा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई मे तीन ओवरलोड ट्रकों के ड्राइवर ट्रक छोड़कर भाग गये थे। खप्टिहा कला की ग्राम प्रधान मैना देवी की शिकायत पर छापा मारा गया था। एसडीएम पैलानी शशिभूषण मिश्रा ने बताया था कि बीते दो माह से बगैर रवन्ना प्रपत्र के ओवरलोड ट्रकों की निकासी की जा रही थी। जानकार सूत्रों का कहना है कि जुर्माने के खेल मे भी खेल हो रहा है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी बालू खदान मे अवैध खनन कर 3 करोड़ से अधिक की बालू की निकासी की जाती है तो उसके एवज मे खनिज अधिकारी महज 30 लाख का जुर्माना लगाकर अपने दायित्व की पूर्ति कर उच्चाधिकारियों को कार्रवाई की रिपोर्ट भेज देते हैं। ग्र्रामीणों का कहना है कि अधिक बालू निकासी के चलते केन नदी की धारा ठहर गयी है। नदी मे लगातार पानी कम होता जा रहा है। इससे जलीय जीव-जंतुआंे की लगातार मौतें हो रही हैं। लोगों ने जिलाधिकारी से नदी की जलधारा से किए जा रहे खनन पर रोक लगाने की मांग की है।

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