एक्सप्रेस-वे निर्माण मे गुणवत्ता की कमी, हुए गढ्ढे

बांदा। बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य मे गुणवत्ता की कमी के चलते कुछ दिनों बाद ही इसमे गड़बड़ी देखने को मिल रही है। कई जगहों पर मिट्टी धंसने के कारण सड़क मे गढ्ढे देखे जा रहे हैं इन्हे ठीक करने का काम बीते 1 अक्टूबर से शुरू कर दिया गया है। यूपीडा के सीईओ मनोज कुमार सिंह ने बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस-वे के मेन्टेनेंस मे बरती गई लापरवाही को गंभीरता से लिया है। और उन्होने ठेकेदारों को 50-50 किलोमीटर के मेन्टेनेंस की जिम्मेदारी सौंपी है। एक्सप्रेस-वे को दिसंबर तक पूरी तरह ठीक करने के निर्देश दिए गये हैं। जिले के लोगों का कहना है कि एक्सप्रेस-वे को तय समय सीमा से पहले बनाने की वजह से भी इसमे गड़बड़ी पैदा हुई है। एक्सप्रेस-वे की बजाय बांदा-इलाहाबाद हाईवे की यात्रा अधिक बेहतर है। एक्सप्रेस-वे के साथ जुड़े कई प्रोजेक्ट अभी भी अधूरे हैं और इन पर काम चल रहा है। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त तथा यूपीडा के सीईओ मनोज कुमार सिंह ने कहा कि अमेरिका और उत्तर प्रदेश के एक्सप्रेस-वे मे काफी समानताएं हैं लेकिन शहरी सड़कों की गुणवत्ता मे जमीन आसमान का अंतर है। उन्होने यह भी माना कि सबसे बेहतर एक्सप्रेस-वे लखनऊ-आगरा, दूसरे नंबर पर आगरा-दिल्ली, तीसरे स्थान पर पूर्वांचल और बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस-वे का चौथा स्थान है। लोग यह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि एक्सप्रेस-वे की यात्रा के दौरान भारी टोल टैक्स चुकाना पड़ता है लेकिन गुणवत्ता के मामले मे यह फिसड्डी साबित हो रहा है।