
लखनऊ:- उत्तर प्रदेश में लम्पी बीमारी की वजह से 7 जिलों के पशुओं पर लॉकडाउन लगा दिया है। इन सात जिलों के पशु अब दूसरे जिले में नहीं जा सकेंगे –
सोनभद्र, चंदौली और गाजीपुर,बलिया, देवरिया, कुशीनगर,महाराजगंज,बिहार, नेपाल बॉर्डर वाले जिलों में लम्पी रोग का असर
गोरखपुर, बस्ती, मऊ,सिद्धार्थनगर में विशेष निगरानी शुरू
प्रभावित जिलों में न होगा पशुओं का आवागमन
प्रभावित जिलों में नहीं लगेगा पशु मेला
पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने प्रेसवार्ता में बताया है कि लम्पी प्रभावित पूरब के सात जिलों में पशु लॉक डाउन कर दिया गया है। बिहार से और एक से दूसरे जिले में कोई पशु न आएगा न जाएगा। इन सात जिलों के साथ ही कुल 11 जिलों चंदौली, गाजीपुर, बलिया, देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर, बस्ती, मऊ, सिद्धार्थनगर व महराजगंज में भी विशेष निगरानी शुरू कर दी गई है।
प्रमुख सचिव, विशेष सचिव आदि अधिकारियों की टीम तैनात की गई है। किसी भी तरह की सूचना व जानकारी देने के लिए टोल फ्री नंबर 18001805141 जारी किया गया है। जिलों में टीमें गठित कर टीकाकरण व चिकित्सा का कार्य किया जा रहा है।
मंत्री धर्मपाल सिंह बताया कि, यह पशुओं में छुआछूत से फैलता है। मक्खी से भी यह एक से दूसरे में फैलता है। इससे मनुष्य प्रभावित नहीं होते हैं। इसके लिए टीकाकरण भी शुरू कर दिया गया है। प्रदेश में टीके की कोई कमी नहीं है। इसके प्रभावी रोकथाम के लिए 61.20 लाख डोज गोट पाक्स वैक्सीन उपलब्ध है। वहीं मुख्यमंत्री के निर्देश पर आईवीआरआई द्वारा नई विकसित लम्पी प्रोवैक वैक्सीन की 60 हजार खुराक हवाई मार्ग से बैंगलौर से मंगवाई गई है।
इसे पूर्वांचल के अधिक प्रभावित जिलों, गोरखपुर व समीपवर्ती जिलों में युद्ध स्तर पर टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया गया है। पूर्ण प्रभावित क्षेत्रों में बेल्ट वैक्सीनेशन के अन्तर्गत 1447 गांव व छिटपुट प्रभावित 2558 गांव में रिंग वैक्सीनेशन का कार्य किया जा चुका है। बिहार की सीमा से लगे जिलों की सीमा पर 10 किमी की बेल्ट बनाकर सभी गोवंशों में टीकाकरण किया जा रहा है। अब तक 9353 प्रभावित गोवंश मिले थे। इनमें उपचार के बाद 6769 पशु ठीक हो गए हैं और 2584 का उपचार किया जा रहा है।