दिल्ली
Trending

अरविंद केजरीवाल क्यों गिरफ्तार हुए? दिल्ली शराब घोटाले में उन पर क्या आरोप हैं –

 केजरीवाल क्यों गिरफ्तार हुए? दिल्ली शराब घोटाले में उन पर क्या आरोप हैं दिल्ली शराब नीति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आखिरकार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर ही लिया.

दिल्ली:- दिल्ली शराब नीति घोटाला आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए मुसीबत का सबब बन गया. आम आदमी पार्टी के दो बड़े नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह तो पहले से ही जेल में थे अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी गिरफ्तार हो गए हैं. केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय के 9 समन को नजरअंदाज किया. लेकिन जब उन्हें हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली तो ईडी ने दो घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया. अरविंद केजरीवाल पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो पद पर रहते हुए गिरफ्तार हुए हैं.

 

10वें समन पर गिरफ्तार हुए अरविंद केजरीवाल:

 

ED की टीम गुरुवार शाम 7 बजे केजरीवाल के घर 10वां समन और सर्च वारंट लेकर पहुंची और दो घंटे की पूछताछ के बाद जब ईटी की टीम ने गिरफ्तार करके बाहर निकली तो अरविंद केजरीवाल कार में शांत बैठे नजर आए. लेकिन लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद हुई केजरीवाल की गिरफ्तारी पर आम आदमी पार्टी नेता सवाल उठा रहे हैं.

 

दिल्ली शराब नीति घोटाला क्या है:

 

दिल्ली की नई शराब नीति 2021 में पेश की गई थी लेकिन जांच की मांग होने पर रद्द कर दी गई थी. तत्कालीन आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया पर आरोप लगा था कि उन्होंने मनमाना और एकतरफा फैसला किया, जिससे दिल्ली सरकार को 580 करोड़ रुपये से ज्यादा के राजस्व का घाटा हुआ. आरोप ये भी लगा कि शराब कारोबारियों कोडिस्काउंट और एक्सटेंशन दिया गया. आरोप लगा कि आप नेताओं ने शराब कारोबारियों से रिश्वत ली. पहले दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ओफेंस विंग ने गड़बड़ी का अंदेशा जताया और फिर दिल्ली के एलजी ने CBI जांच की सिफारिश की. ईडी, कोर्ट को बता चुकी है कि अपराध से हुई कथित आय 292 करोड़ रुपये थी, जो मोडस ऑपरेंडी स्थापित करने के लिए जरूरी थी.

 

दिल्ली शराब नीति घोटाला’ की पूरी टाइमलाइन:

 

-2021 में पेश दिल्ली शराब बिक्री नीति की गई.

 

-जांच शुरू होने से पहले दिल्ली की शराब नीति रद्द हो गई.

 

-तब दिल्ली के आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया थे.

 

-दिल्ली पुलिस की EOW ने गड़बड़ी का अंदेशा जताया.

 

-दिल्ली के उपराज्यपाल ने CBI जांच की सिफारिश की.

 

-CBI की दायर चार्जशीट में मनीष सिसोदिया आरोपी बने.

 

-मनीष सिसोदिया जांच के घेरे में आए और पिछले साल फरवरी में उन्हें गिरफ्तार किया गया.

 

-ED ने भी मनी लॉन्ड्रिंग केस में जांच शुरू की.

 

-4 अक्टूबर, 2023 को AAP सांसद संजय सिंह को ED ने अरेस्ट किया.

 

-ED ने अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए 8 नोटिस भेजे.

 

-पूछताछ के लिए अरविंद केजरीवाल ED के सामने पेश नहीं हुए.

 

-ED ने राउज एवेन्यू कोर्ट में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ शिकायत की.

 

-16 मार्च को कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को कोर्ट में पेश होने को कहा.

 

-16 मार्च को ED ने के. कविता को गिरफ्तार किया.

 

-17 मार्च को भेजा ED ने केजरावील को 9वां समन भेजा.

 

-19 मार्च को समन के खिलाफ दिल्ली HC में याचिका दायर हुई.

 

-21 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट से अरविंद केजरीवाल को राहत नहीं दी.

 

-फिर 21 मार्च को ED ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया.

 

अरविंद केजरीवाल पर क्या आरोप हैं:

 

आम आदमी पार्टी के संरक्षक अरविंद केजरीवाल हैं. आरोप है कि प्रोसीड ऑफ क्राइम से आम आदमी पार्टी को 338 करोड़ रुपये मिले हैं. सुप्रीम कोर्ट में भी ED ने 338 करोड़ रुपये के मनी ट्रेल की बात रखी है. ई़डी के मुताबिक, घोटाले के आरोपी और केजरावील के बीच बात हुई. फेस टाइम’ ऐप जरिए दोनों ने बातचीत की. विजय नायर ने दोनों की बात कराई थी.

 

आबकारी नीति में मार्जिन प्रॉफिट बढ़ाया गया:

 

नई आबकारी नीति पर अरविंद केजरीवाल के घर पर भी बैठक हुई थी. नई आबकारी नीति पर कैबिनेट की बैठक भी हुईं. ये बैठक अरविंद केजरीवाल ने बुलाई थीं. मनीष सिसोदिया के तत्कालीन सचिव सी अरविंद ने कई खुलासे किए हैं. पहले आबकारी नीति में 6% का मार्जिन प्रॉफिट था. आरोप है कि बाद में अरविंद केजरीवाल की मंजूरी से ही 12% किया गया.

 

गिरफ्तार होने वाली पहले मुख्यमंत्री केजरीवाल:

 

अरविंद केजरीवाल देश के पहले ऐसे नेता हैं जो मुख्यमंत्री रहते हुए गिरफ्तार हुए हैं. इस मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया 13 महीने और आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह 6 महीने से जेल में हैं. जबकि बीआरएस नेता के. कविता को ईडी ने इसी महीने 15 मार्च को गिरफ्तार किया. गुरुवार को अरविंद केजरीवाल जांच एजेंसी के नौवें समन के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और शर्त रखी थी कि अगर ईडी के सामने पेश होते हैं तो गिरफ्तारी ना हो. लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. अब अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी.

 

क्या CM बने रह सकते हैं अरविंद केजरीवाल:

 

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद सवाल उठता है कि वो मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे या जेल के भीतर से ही सरकार चलाएंगे. आखिर कानून में इस संबंध में क्या प्रावधान है? हालांकि, अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर आम आदमी पार्टी के नेता लगातार कह रहे हैं कि वो मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे. लेकिन अगर केजरीवाल इस्तीफा नहीं देंगे तो क्या जेल से ही सरकार चलायेंगे. हालांकि इसमें कई कानूनी पेच भी हैं.

 

अरविंद केजरीवाल के पास क्या है विकल्प:

 

कानून के जानकारों की मानें तो गिरफ्तारी होने को दोष सिद्धि नहीं माना जा सकता है. इस स्थिति में किसी भी मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी होने से तुरंत उनका पद नहीं जा सकता है. दूसरी ओर, जेल से सरकार चलाना कितना व्यवहारिक होगा ये भी बड़ा सवाल है. जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कैबिनेट मीटिंग ली जा सकती है. लेकिन इसके लिए जेल के नियमों से लेकर तमाम तरह के पहलुओं पर काफी कुछ निर्भर करेगा. जेल से कैबिनेट मीटिंग या मंत्रियों के साथ मीटिंग का प्रश्न है तो इसके लिए जेल प्रशासन की मंजूरी की जरूरत होगी. बिना जेल प्रशासन की मंजूरी से ऐसा संभव नहीं हो सकेगा.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page