दिल्ली

अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पाकिस्तान में क्या कह रहे हैं लोग –

दिल्ली :– अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने पर पाकिस्तान में आम से लेकर ख़ास लोगों की ओर से प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं।पाकिस्तान सरकार ने ये कार्यक्रम संपन्न होने के बाद एक बयान जारी करके इसकी निंदा की है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में लिखा है कि चरमपंथियों की एक भीड़ ने छह दिसंबर, 1992 को सदियों पुरानी मस्जिद गिरा दी थी।ये निंदनीय है कि भारतीय की शीर्ष न्यायपालिका ने न सिर्फ इस निंदनीय कार्य के लिए ज़िम्मेदार लोगों को बरी कर दिया, बल्कि गिराई गई मस्जिद की जगह पर एक मंदिर बनने की अनुमति दी

पाकिस्तान के तमाम अख़बारों ने पाक सरकार की इस प्रतिक्रिया पर ख़बरें प्रकाशित की हैं।इसके साथ ही पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूज़र्स की ओर इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी गयी हैं।

*पाकिस्तान सरकार क्या बोली*

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में बयान जारी किया है।इस बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाकर वहां राम मंदिर के निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा की निंदा करता है।

इस बयान में लिखा गया है कि सदियों पुरानी मस्जिद को 6 दिसंबर 1992 को चरमपंथियों की भीड़ ने ढहा दिया।दुर्भाग्य से भारत के शीर्ष न्यायालय ने न सिर्फ़ अपराधियों को रिहा कर दिया बल्कि जिस जगह मस्जिद ढहाई गई, वहां मंदिर निर्माण की भी इजाज़त दे दी।बीते 31 सालों के घटनाक्रम आज प्राण प्रतिष्ठा तक पहुंचे हैं। ये भारत में बढ़ते बहुसंख्यकवाद की ओर इशारा करते हैं।ये भारतीय मुसलमानों को राजनीतिक और सामाजिक तौर पर हाशिए पर डालने की कोशिशों को दिखाते हैं।ढहाई गई मस्जिद के स्थान पर बना राम मंदिर भारत के लोकतंत्र पर लंबे समय तक धब्बे की तरह रहेगा। ध्यान देने वाली बात ये है कि वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही ईदगाह सहित ऐसे मस्जिद की सूची बढ़ती जा रही है जिनपर ऐसे ही ढहाए जाने का ख़तरा बना हुआ है।भारत में हिंदुत्व विचारधारा की तेज़ लहर सांप्रदायिक सौहार्द्र और क्षेत्रीय शांति के लिए गंभीर ख़तरा बन गई है।अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत में बढ़ते इस्लामोफोबिया, नफ़रती भाषण और हेट क्राइम्स का संज्ञान लेना चाहिए।संयुक्त राष्ट्र और अन्य संबंधित अंतरराष्ट्रीय संगठनों को भारत में इस्लामी धरोहर स्थलों को चरमपंथी गुटों से बचाने की कवायद में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।

 

*पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूज़र्स क्या बोले*

पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूज़र जमील बलोच ने एक्स पर लिखा है कि ये शर्म की बात है कि एक वक़्त हमारे पास मुहम्मद बिन क़ासिम, गौरी, ग़ज़नवी और आलमगीर जैसे शासक हुआ करते थे और आज हम पर कायरों का शासन है, जिन्होंने मोदी को बाबरी मस्जिद तोड़ने और उसकी ज़मीन पर मंदिर बनाने दिया।

 

हरीस डार नामक शख़्स ने एक्स पर लिखा है कि भारत सरकार के संरक्षण में बाबरी मस्जिद की जगह पर राम मंदिर के निर्माण से एक बार फिर ये स्पष्ट हो गया है कि भारत एक हिंदू राष्ट्र बन चुका। हिंदुस्तान के मुसलमानों को एक राजनीतिक दल की ज़रूरत है।

 

नोशी सत्ती नामक ट्विटर यूज़र लिखते हैं कि ये मुसलमानों के इतिहास में एक काला दिन है।जब शहीद की गयी मस्जिद की जगह मंदिर बनाया गया, वो भी तथाकथित रूप से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में।

 

पाकिस्तानी पत्रकार रहीम नसर ने लिखा कि धार्मिक चरमपंथ भारत की सुरक्षा और स्थिरता को नुकसान पहुंचाएगा और हिंदूओं में अति राष्ट्रवादी भारत को अराजकता और धार्मिक अनिश्चितता के दौर में धकेल रहे हैं।हालांकि पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी दानिश कनेरिया ने इस मौके पर ख़ुशी ज़ाहिर की है।उन्होंने एक्स पर लिखा है कि सदियों को प्रतीक्षा पूर्ण हुई, प्रतिज्ञा पूर्ण हुई, प्राण-प्रतिष्ठा पूर्ण हुई।

 

*पाकिस्तान के अख़बारों में क्या छपा*

पाकिस्तान के प्रतिष्ठित मीडिया समूह जियो टीवी ने अपनी ख़बर में पाकिस्तान की ओर से सयुंक्त राष्ट्र से किए गए आग्रह का ज़िक्र किया है।ख़बर के मुताबिक़ पाकिस्तान ने सयुंक्त राष्ट्र से आग्रह किया है कि वह भारत में मौजूद इस्लामिक विरासत की जगहों को चरमपंथी गुटों से बचाने के साथ-साथ भारतीय अल्पसंख्यकों के सांस्कृतिक और धार्मिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।

 

पिछले कुछ घंटों में कुछ पाकिस्तानी ट्विटर यूज़र्स की ओर से एक वीडियो को शेयर किया जा रहा है,जिसमें एक शख़्स किसी चर्च नुमा इमारत की छत पर चढ़कर वहां एक झंडा लगाता दिख रहा है।इस वीडियो को शेयर करते हुए सोशल मीडिया यूज़र्स आशंका जता रहे हैं कि आने वाले वक़्त में ईसाई समुदाय को निशाने पर लिया जा सकता है।

 

पाकिस्तान के मशहूर लेखक और पूर्व बीबीसी पत्रकार मोहम्मद हनीफ़ ने लिखा है कि यहां पाकिस्तान में दो राष्ट्र की विचारधारा के नारे लगाने वाले भी तालियां बजा रहे हैं कि हम सौ साल पहले ही जानते थे कि हिंदू और मुसलमान एक साथ नहीं रह सकते।पाकिस्तान की प्रसिद्ध शायरा फ़हमीदा रियाज़ ने निर्वासन में कुछ समय भारत में बिताया।जब उन्होंने भारत में हिंदुत्व का आक्रमण होते देखा तो उन्होंने एक प्रसिद्ध कविता लिखी,जिसमें कहा गया कि तुम बिलकुल हम जैसे निकले और जब अपने ख़्वाब के स्वर्ग पर पहुंच जाओ तो हमें चिट्ठी विट्ठी डालते रहना।अगर फ़हमीदा रियाज़ आज होतीं और राम के नाम पर गाए जाने वाले नए भजनों को सुनतीं, जिनमें मारने, काटने और पाकिस्तान में बाबर का मंदिर बनाने के वादे होते तो शायद कहतीं, “भाई, तुम स्वर्ग में हो, बस अपना चिट्ठी रख लो।

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